लोगों की राय

गीता प्रेस, गोरखपुर >> एक नयी बात

एक नयी बात

स्वामी रामसुखदास

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :57
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1094
आईएसबीएन :00000

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

19 पाठक हैं

गीता में जहाँ भगवान् ने कर्ममात्र की सिद्धि में अधिष्ठान, कर्ता, कारण, चेष्टा और दैव—ये पाँच हेतु बताये हैं, वहाँ शुद्ध आत्मा (चेतन)-को कर्ता माननेवाले की निन्दा की है...

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: common

Filename: books/book_info.php

Line Number: 553

...Prev |

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ

विनामूल्य पूर्वावलोकन

Prev
Next
Prev
Next

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book